धन त्रयोदशी
धन त्रयोदशी – इस दिन धन के देवता
कुबेर और मृत्यु देवता यमराज की पूजा का विशेष महत्व है । इसी दिन देवताओं
के वैद्य धनवंतरि ऋषि अमृत कलश सहित सागर मंथन से प्रकट हुए थे । अतः इस
दिन धनवंतरी जयंती मनायी जाती है । निरोग रहते हेतु उनका पूजन किया जाता
है । इस दिन अपने सामथ्र्य अनुसार किसी भी रुप मे चादी एवं अन्य धातु
खरीदना अति शुभ है । धन संपति की प्राप्ति हेतु कुबेर देवता के लिए घर के
पूजा स्थल पर दीप दान करें एवं मृत्यु देवता यमराज ( जो अकाल मृत्यु से
करता है ) के लिए मुख्य द्वार पर भी दीप दान करें ।
कार्तिक मास की कृष्ण
त्रयोदशी को धनतेरस कहते हैं। आज के दिन घर के द्वार पर एक दीपक जलाकर रखा
जाता है। आज के दिन नये बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन
यमराज और भगवान धनवन्तरि की पूजा का महत्व है।
रुप चौदस , नरक चतुर्दशी एवं
हनुमान जयंतीः इसे छोटी दीपावली भी कहते है । इस दिन रुप और सौदर्य प्रदान
करने वाले देवता श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए पूजा की जाती है ।
इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था और राक्षस
बारासुर द्वारा बंदी बनायी गयी सोलह हजार एक सौ कन्याओं को मुक्ति दिलायी
थी । अतः नरक चतुर्दशी मनायी जाती है । दूसरो अर्थात गंदगी है उसका अंत
जरुरी है । इस दिन अपने घर की सफाई अवश्य करें । रुप और सौंदर्य प्राप्ति
हेतु इस दिन शरीर पर उबटन लगाकर स्नान करें । अंजली पुत्र बजरंगबलि हनुमान
का जन्म कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि में हुआ था अतः हनुमान जयंती
भी इसी दिन मनायी जाती है । सांय काल उनका पूजन एवं सुंदर कांड का पाठ
अवश्य करें ।
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