एक ही गौत्र में विवाह...?
आजकल एक ही गौत्र में विवाह के कई मामले सामने आ रहे हैं। यह एक सामाजिक और धार्मिक बहस का मुद्दा भी बन गया है। कुछ लोग इसके पक्ष में है वहीं एक वर्ग सगौत्र विवाह का गलत मान रहा है।
हमारी धार्मिक मान्यता के अनुसार एक ही गौत्र या एक ही कुल में विवाह करना पूर्णतया प्रतिबंधित किया गया है। यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया क्योंकि एक ही गौत्र या कुल में विवाह होने पर दंपत्ति की संतान अनुवांशिक दोष के साथ उत्पन्न होती है। ऐसे दंपत्तियों की संतान में एक सी विचारधारा, पसंद, व्यवहार आदि में कोई नयापन नहीं होता। ऐसे बच्चों में रचनात्मकता का अभाव होता है। विज्ञान द्वारा भी इस संबंध में यही बात कही गई है कि सगौत्र शादी करने पर अधिकांश ऐसे दंपत्ति की संतानों में अनुवांशिक दोष अर्थात् मानसिक विकलांगता, अपंगता, गंभीर रोग आदि जन्मजात ही पाए जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार इन्हीं कारणों से सगौत्र विवाह पर प्रतिबंध लगाया था
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